भूमि आंवला देसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के फायदे|| भूमि आंवला कई रोगों को करें जड़ से खत्म

भूमि आंवला जड़ी बूटी क्या है ?
भूमि आंवला जड़ी बूटी भारत में काफी जगह पर पाई जाती है , भूमि अमला देसी जड़ी बूटी के छोटे आकार के गोल पत्ते होते हैं. इसके फल छोटे से खट्टे मीठे, कड़वा और आमला की तरह दिखने में लगते हैं और यह पौधा बहुत छोटा सा होता है इसी कारण इसको भूमि आंवला पौधा कहते हैं.
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भूमि आंवला पौधा



भूमि आंवला को और भाषा में क्या कहते हैं? 
हिंदी में इसको भूई आमला, जरमाला और भुआ मलकी भी कहते हैं. बंगाली में भुई आमला और मराठी में भुई आमली, संस्कृत में तामलकी, भूमयामलकी, बहुफला
गुजराती में भोय आवली कहते हैं.

भूमि अमला देसी जड़ी बूटी के फायदे जिसे सुनकर आप हैरान हो जाओगे:-

1)लीवर के लिए भूमि आमला लाभकारी- अगर किसी के लीवर में शोज आ जाए जा लीवर बड़ा हो जाए, लीवर में किसी भी तरह की इन्फेक्शन हो जाए तो आपको भूमि आंवले की पत्तियों को पीसकर इसका चूर्ण बनाकर सुबह 1 से लेकर 2 चम्मच खाली पेट  लीजिए  आपकी सभी लीवर की प्रॉब्लम सही हो जाएगी और या फिर इनकी पत्तियों का रस निकालकर 1 से लेकर 3 चम्मच पीजिए आपकी लीवर की कमजोरी दूर होो जाएगी.
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भूमि आंवला की पत्तियां और फल



2) यह भूमि अमला जड़ी-बूटी पीलिया जिसे हम जॉन्डिस बोलते हैं उसको जड़ से खत्म करने की क्षमता रखती है अगर किसी को पीलिया हो जाता है तो 10 ग्राम पंचांग पत्तियां, टायनी, और फलों को सुखाकर चूर्ण खाली पेट लीजिए 5 या 10 दिन में आपका पीलिया जड़ से खत्म कर देगा.

3) भुई आंवला घाव को आसानी से ठीक कर देता है, अगर किसी के कोई जख्म हो जाए तो पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसका घाव पर लगाएं कम से कम 5 बार इसको करें तो आपका घाव बहुत जल्दी भर जाएगा और ठीक हो जाएगा.

4) भूमि आंवला जलोदर जैसे रोगों को ठीक करने में क्षमता रखता है. आपको 15 ग्राम पंचांग जाने की सूखी पत्तियां का चूर्ण को कम से कम 5 कप पानी में उबालें जब पानी बिल्कुल एक कप रह जायेगा तो उसे पी लीजिए ऐसा करने पर आपको पेशाब खुलकर आएगा और आपका जलोदर रोग ठीक हो जाएगा.

5) अगर किसी को भूख कम लगती है तो आप भूमि आंवला की पत्तियों का रस दो चम्मच और जाना सुबह खाली पेट भी आपको भूख बढ़ जाएगी.

6) शीत जवर जिसे infulenza भी बोलते हैं उसको ठीक करने में भूमि अमला बहुत ही लाभकारी है आपको करना क्या है तीन तीन चम्मच पत्तियों का काढ़ा बनाकर इसे दिन में तीन बार पिए इससे आपका बुखार भी उतर जाएगा और शीत जबर रोग भी दूर हो जाता है.



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