शतावर चूर्ण महिलाओं के लिए| किसी जादुई चिराग से कम नहीं | पतंजलि शतावरी चूर्ण के फायदे और नुकसान||

शतावर चूर्ण महिलाओं के लिए कितना फायदेमंद|| पतंजलि शतावरी चूर्ण के कितने फायदे और नुकसान||

आजकल के युग में जिस बीमारी का इलाज जड़ से खत्म नहीं होता, उस बीमारी को खत्म करने के लिए कई जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि कुछ ऐसी जड़ी बूटियां जो हमारे शरीर के लिए सक्षम मानी जाती है. आज हम उन गुनाकारी अशुद्धियों जड़ी बूटी में से एक जड़ी बूटी जिसका नाम शतावरी है, शतावरी जड़ी बूटी के कितने फायदे और नुकसान हैं आइए जानते हैं.

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शतावरी क्या है?

शतावरी उपयोगी  जड़ी बूटियों में से एक जड़ी बूटी है, जिसे शतावर के नाम से भी जाना जाता है. शतमुली इसका संस्कृत नाम है और अंग्रेजी में इसको Asparagus, कहां जाता है. शतावरी या शतावरी चूर्ण का इस्तेमाल ज्यादातर सर्दियों में किया जाता है और सबसे ज्यादा इस्तेमाल इसका महिलाओं की कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है.

शतावरी चूर्ण के फायदे कितने हैं?

शतावरी शतावरी चूर्ण आपके लिए किस प्रकार से फायदा कर सकता है चलिए जानते हैं नीचे इसके कुछ फायदे-

गर्भावस्था में बहुत मददगार:-

 जी हां इसका प्रेगनेंसी के दौरान जरूर उपयोग किया जा सकता है. महिलाओं में फोलेट की कमी को पूरा करने में शतावरी बहुत ज्यादा उपयोगी है , क्योंकि फोलेट ऐसा जरूरी पोस्टिक तत्व है जो गर्भवती महिलाओं के लिए, और उनके साथ पल रहे भ्रूण की बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है. गर्भवती महिलाओं को शतावरी का प्रयोग, 5 मिलीग्राम की मात्रा का रोजाना सेवन करना चाहिए और इससे ज्यादा बिल्कुल नहीं करना चाहिए. अगर इसे महिलाएं बकरी के दूध के साथ सेवन करें तो उनके शिशु की हड्डियां बहुत ज्यादा मजबूत होंगी.

बजन और चर्बी कम करने के लिए - 

जो लोग वजन घटाना चाहते है जल्दी से शतावरी का सेवन करना शुरू कर दें. क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम पाई जाती है और फाइबर युक्त होती है.

माइग्रेन की समस्या को करें दूर-

तिल के तेल में आपको शतावरी चूर्ण या सतावर जड़ी बूटी मिलाकर अपने सिर पर हफ्ते में दो बार लगाएं जैसा आपको एक मंच के लिए करना है, आपकी माइग्रेन की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी और साथ में शतावर चूर्ण का इस्तेमाल करते रहना चाहिए.

महिलाओं के स्तन में दूध की कमी होना-

जी हां जिन महिलाओं के स्तन में दूध की कमी होती है, शतावर चूर्ण या फिर सतावर जड़ी बूटी का इस्तेमाल करना चाहिए. ज्यादातर महिलाएं अपनी डिलीवरी के बाद इसका इस्तेमाल करना शुरू कर देती है. जिस कारण मां के दूध में कोई भी कमी नहीं आती.

महिलाओं के पीरियड के दौरान मदद-

शतावर चूर्ण का इस्तेमाल करने से महिलाओं की कमजोरी दूर होती है जिससे इन्हें पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से काफी ज्यादा आराम मिलता है. और क्यों संधि और भी कई समस्याओं को हल करती है.

पेट की समस्या-

आप को शहद के साथ शतावर चूर्ण का इस्तेमाल कर इसे खाना चाहिए जिससे पेट की काफी समस्या दूर होती है, दस्त में तुझे बहुत ही असरदार आयुर्वेदिक इलाज है.

खांसी से राहत-

आपको शतावरी जड़ी बूटी के अर्क का रस पीने से खांसी से छुटकारा पाया जा सकता है या फिर आप शतावर चूर्ण को पानी में अच्छी तरह से उबालकर बाद में इसे छानकर वह पानी पीने से खांसी से राहत पाई जा सकती है.

पाचन तंत्र को मजबूत करने में शतावर चूर्ण फायदेमंद-

जय आपकी आंतों को अच्छी तरह से डिटॉक्सिफाई करता है, और कार्बोहाइड्रेट बच्चन को आसान बनाने में मदद करता है, इसके साथ ही पेट में गैस बनना, सीने में जलन, उल्टी, पेट शादी में बहुत ज्यादा फायदेमंद है.

कैंसर से लड़ने की समरसता रखती है शतावरी जड़ी बूटी.

मानसिक बीमारी को दूर करने के लिए फायदेमंद. 

अनिद्रा रोग को दूर करता है शतावरी चूर्ण का लगातार इस्तेमाल करते हैं .

शतावर चूर्ण के नुकसान क्या हो सकते हैं-

अगर आपको इसका इस्तेमाल करते समय शरीर में कोई भी एलर्जी हो सकती है तो तुरंत इसे बंद कर दें.

अगर आप उस का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो आप के पेशाब में बदबू आ सकती है.

जो लोग किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं और दिल की बीमारी से पीड़ित है उन लोगों को इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए.










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